वह छलावा
सायद तेरे शव्दों के
मोह मे आने लगी थी मैं,
छल से भरी बातों को
सच मानने लगी थी मैं,
आजाद करती हूँ खुदको आज
तेरे हर एक झूठे...
मोह मे आने लगी थी मैं,
छल से भरी बातों को
सच मानने लगी थी मैं,
आजाद करती हूँ खुदको आज
तेरे हर एक झूठे...