...

6 views

वह छलावा
सायद तेरे शव्दों के
मोह मे आने लगी थी मैं,
छल से भरी बातों को
सच मानने लगी थी मैं,
आजाद करती हूँ खुदको आज
तेरे हर एक झूठे बन्धन से,
तु अपने दुनिया मे आबाद रहे
मैं यहाँ बरबाद ही सही,
अब कभी न लौट के आऊँगी
जब तेरे दुनिया मे मेरी कोई
अहमियत ही नही।


© RanjitaLucky26

#poetsofinstagram #poetrycommunity #WritcoQuote #writersofinstagram #writersofig #poems #poetrylovers #relationships