...

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मुलाक़ात...
तुम्हारे साथ होता हुँ तो,
पता चलता इस दिल के धड़कने का,
पता चलता है उस महक का,
और वह तापमान जो हमारे गले लगने पर बदल जाता है,
वो विश्वास तुझपर और महादेव पर, साथ ही वह जरूरत मेरी जो तुझमे दिखती है l
रविवार.....
मेरा वो सुकून है
जिसका इंतजार तीन दिन पहले ही किया जाता है
इसकी उलटी गिनती बुधवार से चालू होती है तुम्हारी मुलाक़ात पर खत्म l
ये रविवार भी ऐसा हो...........

नजर लगती है,
काश! कोई काला धागा बांध दे,
मेरे इश्क़ को l


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