क्या पता हो मुताबिक..
गुफ़्तगू कुछ कभी तो करा किजिए
अब यूं ना चुप चाप हरदम रहा किजिए..
उम्र भर सुनते आए ज़माने का है
अपने...
अब यूं ना चुप चाप हरदम रहा किजिए..
उम्र भर सुनते आए ज़माने का है
अपने...