चाँदसमुद्रसंवाद
चांद ने समुद्र से कहा-
करता हूं प्रदान शीतलता जनमानस को,
अशांत मन को शांत करता हूं,
हर प्रेमी मुझ में,
अपनी प्रेमिका की झलक पाता है,
उन्हें अपनी प्रेयसी मुझ में ही नजर आती है।
बताओ सखे अब अपने मन की-
समुद्र ने कहा-
मैं तो हूं...
करता हूं प्रदान शीतलता जनमानस को,
अशांत मन को शांत करता हूं,
हर प्रेमी मुझ में,
अपनी प्रेमिका की झलक पाता है,
उन्हें अपनी प्रेयसी मुझ में ही नजर आती है।
बताओ सखे अब अपने मन की-
समुद्र ने कहा-
मैं तो हूं...