...

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जलेबी
चाशनी
गाढ़ी हो चली है
थमी है कसक
जलेबियों में उतर कर
लार की तरह
टपक जाने को
अभी गर्म होकर
रसीली ,
खुल के
मुँह में पानी सी
घुलना बाकी है
उकालो थोड़ा और
पिघल जाएगी
ज़रा सी आंच
अभी बाकी है

© Ninad