...

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ग़ज़ल
राधा राणा की कलम से ✍️

रेत पर फिसली हमारी कश्तियां ।
और जा पहुंची लहर की बस्तियां ।

याद हम भी हैं नहीं करते उसे,
हमको भी आती नहीं हैं...