एक अनदेखी लड़की
बिहार की वो लड़की है,
फरीदाबाद में पढ़ती है,
मोहब्बत की कड़की है,
मुझ पर क्यों भड़की है,
न जाने किस-किस से धोखे खाती हैं,
और मुझे बहुत नख़रे दिखाती हैं,
उनकी बकबक पसंद है मुझे पर,
जब कहता हूँ बोलने को तो चुप हो जाती हैं,
दिल की साफ़ हैं,पर मुँह से सब बोल जाती हैं,
जो भी कहती हैं, वो करके दिखाती हैं,
जो भी करती हैं वो करती अपने मन की हैं,
मुझको तो कभी-कभी लगतीं सनकी हैं,
चाँद के जैसे अकेले निखर रहीं हैं,
लेखन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं,
सफलता की सीढ़ी एक-एक करके चढ़...
फरीदाबाद में पढ़ती है,
मोहब्बत की कड़की है,
मुझ पर क्यों भड़की है,
न जाने किस-किस से धोखे खाती हैं,
और मुझे बहुत नख़रे दिखाती हैं,
उनकी बकबक पसंद है मुझे पर,
जब कहता हूँ बोलने को तो चुप हो जाती हैं,
दिल की साफ़ हैं,पर मुँह से सब बोल जाती हैं,
जो भी कहती हैं, वो करके दिखाती हैं,
जो भी करती हैं वो करती अपने मन की हैं,
मुझको तो कभी-कभी लगतीं सनकी हैं,
चाँद के जैसे अकेले निखर रहीं हैं,
लेखन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं,
सफलता की सीढ़ी एक-एक करके चढ़...