कटी हुई उँगली....
कटी हुई ऊँगली.......
नहीं था इस तरह जरूरी
उसका हाथ पकडता ही वो
मगर उसने बात सुनी थी
और कहा भी था, शायद न पकड़ पाओ
हम किसी एकांत में न मिल सकेंगे
हाँ मायुषि में था वो
उसने मन ही मन ये सच स्वीकार कर लिया
यूँ सबके सामने वो उसे
आँख उठाकर नहीं देख सकता
तो कैसे पकड़ेगा हाथ उसका
बात आई गई हुई
वो मिली , पब्लिक पार्क, उसने पूछा
"तुम्हारी उँगली पर चोट कैसी"
उसने बताया
"सब्जी काटते चाकू से कटी"
"ओह" "जी"
"लो परांठा खाओ"
फिर उसने टटोला अपना बैग
जाने क्या खोज रही...
नहीं था इस तरह जरूरी
उसका हाथ पकडता ही वो
मगर उसने बात सुनी थी
और कहा भी था, शायद न पकड़ पाओ
हम किसी एकांत में न मिल सकेंगे
हाँ मायुषि में था वो
उसने मन ही मन ये सच स्वीकार कर लिया
यूँ सबके सामने वो उसे
आँख उठाकर नहीं देख सकता
तो कैसे पकड़ेगा हाथ उसका
बात आई गई हुई
वो मिली , पब्लिक पार्क, उसने पूछा
"तुम्हारी उँगली पर चोट कैसी"
उसने बताया
"सब्जी काटते चाकू से कटी"
"ओह" "जी"
"लो परांठा खाओ"
फिर उसने टटोला अपना बैग
जाने क्या खोज रही...