मलाल भी नहीं
जो कुछ देखा समझा ये इश्क के बारे में मैंने
सारी जीहते तुझ तक ले जाती है
निंदे जो बेहेक जाती है आखों से मेरे
क्या कुसूर है उनका? डेरा जो रहता है यादों का तेरे
कैद कर...
सारी जीहते तुझ तक ले जाती है
निंदे जो बेहेक जाती है आखों से मेरे
क्या कुसूर है उनका? डेरा जो रहता है यादों का तेरे
कैद कर...