...

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अंधकार के झकझोर से
घंघोर अंधकार में एक साया पृतिबिंब सा,
या यू कहे अंतरातम। मन की एक छबी जीवंत सी।
आज नज़र के सामने चली आ रही अनंत सी,
मौन हो सिखा रही, आईना दिखा रही, ...