सोचती हूं अब और ना सोचूं
सोचती हूं अब और ना सोचूं
कुछ बिखरी हुई बातें हैं......
मन में भी सन्नाटे हैं........
लबों की मुस्कान कहीं...
कुछ बिखरी हुई बातें हैं......
मन में भी सन्नाटे हैं........
लबों की मुस्कान कहीं...