स्वीकार नहीं होता:-
नहीं होता मुझे स्वीकार देखकर
घरों में पति पत्नी के बीच मालिक नौकर सा व्यवहार।
नहीं लगता मन को अच्छा कि दिन भर घर के कामों में दौड़ दौड़ कर ना जाने कितने किलोमीटर चल जाने वाली औरत नहीं पाती अनिवार्य, आवश्यक, सांसों की तरह जरूरी सम्मान।
नहीं अच्छा लगता मुझे ऑफिस में दिन भर आमदनी बढ़ाने,घर की जरूरतों को पूरा करने की जुगत लगाती औरत को वापस लौटने पे नहीं मिलता कोई साथी काम में हाथ...
घरों में पति पत्नी के बीच मालिक नौकर सा व्यवहार।
नहीं लगता मन को अच्छा कि दिन भर घर के कामों में दौड़ दौड़ कर ना जाने कितने किलोमीटर चल जाने वाली औरत नहीं पाती अनिवार्य, आवश्यक, सांसों की तरह जरूरी सम्मान।
नहीं अच्छा लगता मुझे ऑफिस में दिन भर आमदनी बढ़ाने,घर की जरूरतों को पूरा करने की जुगत लगाती औरत को वापस लौटने पे नहीं मिलता कोई साथी काम में हाथ...