...

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ना जाने कैसे तुम तुम बन जाती हो।
तुम प्रेम की परिभाषा सी..
मेरी कल्पना में आती हो,
तुम मेरी कल्पना की प्रेरणा सी
मेरी प्रर्थना का हिस्सा बन जाती हो ।

तुम नूतन उल्लास के आभास सी
खुशी का एकमात्र अहसास बन जाती हो,
तुम अटूट विश्वास सी...
मेरे...