...

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अनुभव
#ज्ञानकीफुसफुसाहट

रंगमंच है ये जिंदगी,
किरदारों की कोई नहीं है गिनती।

जिंदगी के हर पड़ाव में है ज्ञान,
इसे जीने का मौका मिला इसे अपनी खुशकिस्मत मान।

बचपन है भोला संसार,
वही गढ़ा जाता है जीवन का सार ।

ऐसा जीवन मुझे भी दिया ,
कहती हूं ईश्वर को हमेशा शुक्रिया।

बढ़ती जिंदगी से जो भी अनुभव पाया,
मैंने अपने भविष्य में लगाया।

सीखने सिखाने का सिलसिला हैं जारी,
अपने कर्म को बनाने की खुद है जिम्मेदारी।

जो ज्ञान न मिले किताबों में,
तजुर्बा सीखा देगा आपको क्षण में।

मैंने यही जाना है इस जीवन से,
अच्छे कर्म करना है अपने मन से।

अड़चन आयेगी सही पथ में,
मन नहीं भटकना है लक्ष्य से।

बाकी सब वह देख रहा है,
उसको पता है किसको कितना देना है।

—अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी —

© Ankita