...

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कुछ ऐसी हु मै...❣️
किसी की शायरियों पे बेतहाशा मरती
मगर उस शायर से हु नफरत करती
लेकिन वो खुश रहे ये दिल मे इबादत रखती
कुछ ऐसी हु मै

होता अगर वो वफादार उसे बेपनाह चाहत देती
हर गम मे उसके साथ रहकर उसको मै राहत देती
पर अब वो चाहत के काबिल नही यह हु समझती
कुछ ऐसी हु मै

पर तुम क्या समझोगे मुझे
तुम हो गेरो मे उलझे हुए
तुम्हे अगर फुरसत होती तो समझाती
कितना प्यार मै तुमसे थी करती...🖤
© Janhvi