...

157 views

मैं खुदको खुबसूरत समझती हूं..!!!
कोई मुझे पूछे तुम खुद को समझती क्या हो..???

तो मैं कहूंगी खुबसूरत
मैं बड़ी "खुबसूरत समझती हू खुदको...!!!

पता है कब
सुबह जब बालो को
हेयर बैंड में जकड़ती हू
भिड़ में बस चढ़ती हू
ऑटो में धक्के खाती हू
जब मैं काम करती हू..!!

घर का महीने का हिसाब रखती हू
सब्जी मंडी के तोल भाव करती हू
राशन की थैली पकड़ती हू
गैस सिलेंडर तक
उठा के पटक देती हू..!!

ऑफिस का काम कभी कभी
घर पर करती हू...
दवाई से लेकर पेस्ट कंट्रोल तक
सब की खबर रखती हू...!!!

थकने का मन करे
तो खुद को ही दो हल्के
चाटे लगा देती हू...
थकने की इजाजत नही
ये बात खुद को ही
समझा देती हू..!!!

अपनो के लिए जीते जीते
जब खुदको खो देती हू...!!!
धूल मिट्टी पसीने में
जब खुदको भिगो देती हू..!!!

अपने एक निवाले के लिए
पूरा महीना खुद को घिसती हू..!!
सच मानो बहुत खुबसूरत लगती हू...!!
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
हर वो औरत जो घर में और बाहर
लगी पड़ी है काम में जिसको थकने का मौका ही नही मिलता ...
सच मानो बड़ी खूबसूरत दिखती है..!!

© A.subhash

#WritcoQuote #writco #Life&Life #inspirational #poem #Iambeautiful #selflove #Love&love #Feelings #woman

Related Stories