...

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आपकी याद...

जब सूरज ढालने पर धुंधलका आसमान में छा जाता है,
उन विविध आकारों मे बेहती बादलों के बीच,
मुझे याद है आपकी मुस्कान की वक्रता आपके डिम्पल को दर्शाती है।
जेसे-जेसे रात बीतती है और सितारे टिमटिमाते हैं,
मुझे याद है आपकी उंगलिया मेरी पीठ पर दौड़ रही है और यह गुदगुदी करती है।
जब मेरी त्वचा से...