...

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जीवन का सफर ही ऐसा है !!
चलना है संभल कर,
फिर भी फ़िसल जाना है
ठोकरें खाकर दुनिया की,
फिर एक बार संभल जाना है
जीवन का सफर ही ऐसा है,
यहाँ से फिर कहा जाना है..!!

यहीं पर जीवन है,
यहीं एक दिन मर जाना है
पाप-पुण्य,तृष्णा-घृणा,
ये सब कर क्यू किसी को
कष्ट पहुंचाना है,
जब तक है तब तक ख़ुशियाँ बाट,
इसके बाद कहा किसी को
लौट कर आना है
जीवन का सफर ही ऐसा है,
यहाँ से फिर कहा जाना है..!!

© hema singh __