...

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छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नही।
आंखे खोल कर पढ़ना जिनपिंग ,,,, देखना बाहर न निकल आये .....
हमने तो तुमको तुम्हारी औकात दिखा दी थी डोकलाम विवाद में भी...
गर नही सुधरोगे तुम तो-

हम फौलादी हिंदुस्तानी कभी न हिम्मत हारेंगे।
पड़ी जरुरत तो हम तेरे घर में घुसकर मारेंगे।।


© कवि श्याम प्रताप सिंह