...

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साथ चलने की ख्वाहिश ❤️❤️
तू है आसमां तो मैं भी जमीं बनने का शौक रखता हूं।
ताउम्र न सही,
कुछ कदम साथ चलने की ख्वाहिश रखता हूं।

तेरा मेरा क्या है रिश्ता,
ये समझ न सका हूं मैं,
लेकिन इस रिश्ते पर कहानी लिखने का हुनर रखता हूं।
ताउम्र न सही,
कुछ कदम साथ चलने की ख्वाहिश रखता हूं।।

तुम मेरे फैसले मानो न मानो तुम्हारी मर्जी,
लेकिन मैं तुम्हारे फैसले को,
सही गलत कहने का हक समझता हूं।।

तू कहती है मैं जानता नहीं तुझे,
अरे
तुझे तो तेरी कदमों की आहट से पहचानने का हुनर रखता हूं।।

नदियों का संगम न सही, किनारा बनने की चाहत रखता हूं।
ताउम्र न सही,
कुछ कदम साथ चलने की ख्वाहिश रखता हूं।।

© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
@Ashishsingh #Ashishsingh #mysteriouswriter