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मन की व्यथा से
हे ख़ुदा तु खुश रखना हर उस चेहरे को, जिसने हर पल हमारी खुशी चाही है ।

नज़र न आए बेचैनी किसी को वरना , सब समझ जाएंगे कि क्या हुआ है मेरे साथ ।

पीड़ा बेहिसाब है जिसकी कोई हद नहीं , कांटों संग खेलना फूलों की तो ज़िद नहीं।

तुमने देखीं नहीं हमारी फूलों जैसी वफ़ा , हम जिस पर खिलते हैं उसी पर मुरझा जाते हैं।

------ मन की व्यथा से ------
© Good गर्ल