6 views
मन की व्यथा से
हे ख़ुदा तु खुश रखना हर उस चेहरे को, जिसने हर पल हमारी खुशी चाही है ।
नज़र न आए बेचैनी किसी को वरना , सब समझ जाएंगे कि क्या हुआ है मेरे साथ ।
पीड़ा बेहिसाब है जिसकी कोई हद नहीं , कांटों संग खेलना फूलों की तो ज़िद नहीं।
तुमने देखीं नहीं हमारी फूलों जैसी वफ़ा , हम जिस पर खिलते हैं उसी पर मुरझा जाते हैं।
------ मन की व्यथा से ------
© Good गर्ल
नज़र न आए बेचैनी किसी को वरना , सब समझ जाएंगे कि क्या हुआ है मेरे साथ ।
पीड़ा बेहिसाब है जिसकी कोई हद नहीं , कांटों संग खेलना फूलों की तो ज़िद नहीं।
तुमने देखीं नहीं हमारी फूलों जैसी वफ़ा , हम जिस पर खिलते हैं उसी पर मुरझा जाते हैं।
------ मन की व्यथा से ------
© Good गर्ल
Related Stories
12 Likes
2
Comments
12 Likes
2
Comments