कलयुग
कलयुग की माया इसे कोई ना समझ पाया
इसमें राम भी मेरा है रावण भी मेरा है
सीता का हरण भी करूंगा
लंका दहन भी करूंगा
मंदिर में जाकर दुर्गा नमन भी करूंगा
इस दुविधा को कोई ना समझ पाया है
यह कलयुग की माया...
इसमें राम भी मेरा है रावण भी मेरा है
सीता का हरण भी करूंगा
लंका दहन भी करूंगा
मंदिर में जाकर दुर्गा नमन भी करूंगा
इस दुविधा को कोई ना समझ पाया है
यह कलयुग की माया...