बाते तुम्हारी
तुम्हारी हर बात थी
और बातों से मेरी कविता सांसे लेती थी
दिल को धड़काया भी तुमने था
और नशा तुम्हारा भी तुम्हीं ने दिया था
आज तुमने नशे की बोतलें तोड़ दी
जो आदतें तुमने दी
उन्हें ही छीन...
और बातों से मेरी कविता सांसे लेती थी
दिल को धड़काया भी तुमने था
और नशा तुम्हारा भी तुम्हीं ने दिया था
आज तुमने नशे की बोतलें तोड़ दी
जो आदतें तुमने दी
उन्हें ही छीन...