...

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जीवन मृत्यु
मैं सोचती रही आज
वही प्रश्न
सब ढूंढते आ रहे
जिसका उत्तर
सबके उत्तर
कभी समान
कभी अलग अलग
भ्रामक विकल्प
सत्य क्या है
जीवन या मृत्यु
सबने कहा मृत्यु
मृत्यु के बाद क्या
कोई नही बताने आया
और जीवन क्या है
"मृगतृष्णा "
या एक विन्यास
जन्म से मृत्यु के बीच
समय
समय के दो छोर के
बीच हिलोरे लेती
एक नाव
मझधारो से जूझती
तूफानों से टकराती
दिशाओं को ढूंढती
एक नाव
तैरना ही जीवन है
वही सत्य
जहां अस्तित्व
वही जीवन
एक समय
एक यात्रा
एक एक क्षण
को जीना जीवन है
मौत आने तक
जीवन है l

Shraddha

© Shraddha S Sahu