...

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मुझे मेरा गाँव याद आता हैं |
सहर भरा है लोगो की भीड़ से इसमें सुकून कहा
सुख सुविधाओं का ये मोहताज़ है पर वो बात है कहा
रंग फीके पड़ जाते है इसकी ऊंची इमारतो के
जब अपना कोई गाव से आता है
आज मुझे मत रोको यारो मुझे मेरा गाव याद आता है
वो सुनसान गलिया वो माँ के हाथ का निवाला
दोस्तों के साथ बीती राते याद आती है
परिवार के बिना एक पल भी रहा नहीं जाता था आज पता भी नहीं चलता कई महीने गुजर जाते है
गाव की याद आती है तो यहां हर कोई बिमारी के बहाने से गाव जाता है
आज मुझे मत रोको यारो मुझे मेरा गाव याद आता है
2 वख्त की रोटी ने‌‌‌ मुझे शहर का गुलाम बना दिया है अब यहां नहीं रहना मुझे मेरा घर याद आता है
आज मुझे मत रोको यारो मुझे मेरा गाव याद आता है

✍️ - ( Bhanwar Mandan )
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