( स्री हो तुम)
हां , स्री हो तुम
जिसने पूरे संसार की
स्नेह , दया और प्रेम से सिझौंया।
🙏देवी का रुप हो तुम
हां , स्री हो तुम।।
जिसने हर रूप मे
माँ ,बहन , और बेटी बन
अपना स्नेह और करूणा दिया।
सच्चाई की मूरत हो तुम
हां, स्री हो तुम ।।
जिसने युग युग से नर की
दासी बन ना जाने कितने यातना
सहकर अपने खुशी का गला घोटा।
🙏वंदनीय हो तुम
हां , स्री हो तुम।।
जिसने हजारो शूरवीरो की
बलिदान बङी खुशी खुशी दिया ।
वात्सल्य , कोमल , दया की
सागर हो तुम
हां , स्री हो तुम।।
© suryansh
जिसने पूरे संसार की
स्नेह , दया और प्रेम से सिझौंया।
🙏देवी का रुप हो तुम
हां , स्री हो तुम।।
जिसने हर रूप मे
माँ ,बहन , और बेटी बन
अपना स्नेह और करूणा दिया।
सच्चाई की मूरत हो तुम
हां, स्री हो तुम ।।
जिसने युग युग से नर की
दासी बन ना जाने कितने यातना
सहकर अपने खुशी का गला घोटा।
🙏वंदनीय हो तुम
हां , स्री हो तुम।।
जिसने हजारो शूरवीरो की
बलिदान बङी खुशी खुशी दिया ।
वात्सल्य , कोमल , दया की
सागर हो तुम
हां , स्री हो तुम।।
© suryansh