...

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हो तुम......
हो तुम पंख मेरे
उड़ जाती हूँ थाम कर इनको
नीलगगन विस्तार में

हो तुम ख्वाब मेरे
डूब जाती हूँ थाम तुझे
प्रणय सागर में

हो तुम सागर मेरे
बन मोती सिमट जाती हूँ
आगोश में तेरे

हो तुम बयार मेरे
बन कर महकती हूँ खुशबू
सांसों में तेरे

#साँसों
#महकती
#सागर
#ख्वाब
#नीलगगन

© ऋत्विशा