धुंध
किसी शाम की तलाश में
जलती दुपहरी प्यास में।
खोया होश दमक में
लोभ द्वेष के बस में।
आंखों की उन किताबों में
उलझे हुए सवालों में।
...
जलती दुपहरी प्यास में।
खोया होश दमक में
लोभ द्वेष के बस में।
आंखों की उन किताबों में
उलझे हुए सवालों में।
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