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मरते तो सब हैं किसी के लिए जी सको तो पता चले, महबूब से आशिकी ठीक है मगर मां बाप से मोहब्बत कर सको तो पता चले
खुद के लिए कर दूँ आसान, पर चाह के भी कर नहीं सकता,
घर की जिम्मेदारियां हैं मुझ पर ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।

सफर में दुश्वारियां हैं पर बेबाकी से गुजर जाऊंँगा,
यूँ दूर से ही मैं डर नहीं सकता ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।

आज ठोकर पत्थर से कल भिड़ंत चट्टानों से होगा,
राह-ए-मंजिल में टूट भी जाऊं तो बिखर नहीं सकता ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।

तू उन्हीं की देन है तेरे हालातों पर मैं सिहर नहीं सकता
कह दे मौत से रास्ते उसके मैं गुजर नहीं सकता, ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।

माँ देख रही होगी रास्ता मेरा
किसी पड़ाव पर मैं ठहर नहीं सकता,
उनकी जिंदगी मेरे होने से हैं ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।
© ✍️vc_darpan