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सांझ
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम्हें है इंतजार किसका
सपनों को तुम्हें हैं साकार करना
कल जो हुआ उसे जाने दो
सीखकर सबक आगे बढ़ो
पूरा दिन लगन से काम करना
सांझ होते ही तुम लौट आना
ढलता सूरज देखो तुम्हें क्या कह रहा
तुम अपना हौसला कम न होने देना
देखो मैं कल फ़िर लौट आऊंगा
नई उम्मीदें साथ ले आऊंगा
© kk_jazbaat
#poetrycommunity #WritcoPrompt
#poem #Hindi
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम्हें है इंतजार किसका
सपनों को तुम्हें हैं साकार करना
कल जो हुआ उसे जाने दो
सीखकर सबक आगे बढ़ो
पूरा दिन लगन से काम करना
सांझ होते ही तुम लौट आना
ढलता सूरज देखो तुम्हें क्या कह रहा
तुम अपना हौसला कम न होने देना
देखो मैं कल फ़िर लौट आऊंगा
नई उम्मीदें साथ ले आऊंगा
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