मन में व्यसन
हाड़ा मांस की देह बनी
देह से मोह लगा बैठे
खाल में जैसे दाग लगा
वो मुझसे पीछा छुड़ा बैठे
प्रेम हुआ ना ह्रदय से उनको
हृदय में राम का वास रहे
जिस मन से उनने प्रेम किया
उस मन में व्यसन छिपा बैठे
© -Pandit Neeraj Mishra ✍️
देह से मोह लगा बैठे
खाल में जैसे दाग लगा
वो मुझसे पीछा छुड़ा बैठे
प्रेम हुआ ना ह्रदय से उनको
हृदय में राम का वास रहे
जिस मन से उनने प्रेम किया
उस मन में व्यसन छिपा बैठे
© -Pandit Neeraj Mishra ✍️