हादसा
तोल-तोल कर बांटता रहा वो खुद को वक्त के हाथों
हालात का ये तक़ाज़ा हुआ तो कैसे हुआ
आया और चला गया, बिन बरसे, बादलों की तरह
तेरे शहर में ये तमाशा हुआ तो कैसे हुआ...
हालात का ये तक़ाज़ा हुआ तो कैसे हुआ
आया और चला गया, बिन बरसे, बादलों की तरह
तेरे शहर में ये तमाशा हुआ तो कैसे हुआ...