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ख्वाइश
ख्वाहिश यही है
हर इंसान मुस्कुराए
मुझसे मिले जो अपना हर दर्द भूल जाए
हर घाव का मरहम बन जाऊं
हर किसी की तकलीफ को
चुटकियों में दूर कर पाऊं
ना किसी से बैर हो मेरा
दूर हो जाए हर किसी के जिंदगी का अंधेरा
रोशनी की किरण बन जाऊं
ईश्वर के फरिश्तों जैसा रिश्ता हो मेरा
ख्वाहिश इतनी है कि मरहम बन जाऊं
साजिद इतनी है कि सब के काम आऊ
मानवता का धर्म निभाऊ
जितना हो सके मानवता को बचाऊ
ख्वाइश इतनी है कि बस मरहम बन जाऊं
© Smriti Tiwari
हर इंसान मुस्कुराए
मुझसे मिले जो अपना हर दर्द भूल जाए
हर घाव का मरहम बन जाऊं
हर किसी की तकलीफ को
चुटकियों में दूर कर पाऊं
ना किसी से बैर हो मेरा
दूर हो जाए हर किसी के जिंदगी का अंधेरा
रोशनी की किरण बन जाऊं
ईश्वर के फरिश्तों जैसा रिश्ता हो मेरा
ख्वाहिश इतनी है कि मरहम बन जाऊं
साजिद इतनी है कि सब के काम आऊ
मानवता का धर्म निभाऊ
जितना हो सके मानवता को बचाऊ
ख्वाइश इतनी है कि बस मरहम बन जाऊं
© Smriti Tiwari
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