13 views
दो पल कि ख्वाहिश ।
ना चादर बड़ी कीजिए ,
ना ख्वाहिश बड़ी कीजिए,
बस चार दिन की जिन्दगी है ,
बस चैन से बसर कीजिए।
ना परेशान किसी को कीजिए,
ना हैरान किसी को कीजिए,
कोई लाख गलत भी बोले ,
बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिए ।
ना रूठा किसी से कीजिए,
ना झूठा वादा किसी से कीजिए,
कुछ फुरसत के पल निकालिए,
कभी खुद से भी मिला कीजिए।।
ना ख्वाहिश बड़ी कीजिए,
बस चार दिन की जिन्दगी है ,
बस चैन से बसर कीजिए।
ना परेशान किसी को कीजिए,
ना हैरान किसी को कीजिए,
कोई लाख गलत भी बोले ,
बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिए ।
ना रूठा किसी से कीजिए,
ना झूठा वादा किसी से कीजिए,
कुछ फुरसत के पल निकालिए,
कभी खुद से भी मिला कीजिए।।
Related Stories
13 Likes
0
Comments
13 Likes
0
Comments