रूहानी प्रेम: राधा-कृष्ण
दुख, दर्द, तकलीफ़ ये तो लोगों की ज़ुबानी है, मेरे लिए तो प्यार की शख़्सियत राधा-कृष्ण-सी रूहानी है...
न एक-दुजे को भुलाया, न ही इस संसार में किसी ने किसी को पाया...
एक सम्मान जनक रिश्ता बनाया, दिल की भी सुनी और मर्यादाओं को भी निभाया...
ईर्ष्या, काम, लोभ, मोह सबसे दूर रहा, इसलिए चंद लोगों में बदनाम नहीं, ये प्रेेम संसार में मशहूर हुआ...
राधा की तड़प में भी प्यार का राग था, कृष्ण के लिए अपशब्द नहीं, सम्मान का भाव था
कृष्ण की पीड़ा सारे जग से निराली है, राधा संग शुरू, अंतिम गूंज भी राधे-राधे कही जानी है
ये पाठ तो जगभर ने जाना है, साक्ष्य आवश्यक नहीं, कृष्ण संग नाम राधा का ही आना है|
© Kanika
#writco #Love&love #purethoughts #poem #radhakrishna
न एक-दुजे को भुलाया, न ही इस संसार में किसी ने किसी को पाया...
एक सम्मान जनक रिश्ता बनाया, दिल की भी सुनी और मर्यादाओं को भी निभाया...
ईर्ष्या, काम, लोभ, मोह सबसे दूर रहा, इसलिए चंद लोगों में बदनाम नहीं, ये प्रेेम संसार में मशहूर हुआ...
राधा की तड़प में भी प्यार का राग था, कृष्ण के लिए अपशब्द नहीं, सम्मान का भाव था
कृष्ण की पीड़ा सारे जग से निराली है, राधा संग शुरू, अंतिम गूंज भी राधे-राधे कही जानी है
ये पाठ तो जगभर ने जाना है, साक्ष्य आवश्यक नहीं, कृष्ण संग नाम राधा का ही आना है|
© Kanika
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