...

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तम अंधकार
प्रकृति से ही उद्वेलित
सर्वस्व का अतिक्रमणकर्ता
ग्रहों प्रदेश में सूर्य
सूर्यों में कृष्णघन
ये जागता है
ये वर्तमान है
ये चिरप्रतीति का मेघ
ये निर्मिशेष
बचे हुए के बाद बचने वाला
भागने वाले से पहले भागने वाला
ये भगवान है
इसे नही बच सकते

© Mahamegh