मैं शांत सा उड़न खटोला
#विश्व_कविता_दिवस
मैं शांत सा उड़नखटोला ,
हवाओं में बह रहा ।
हाथ मेरे पंख समान ,
मैं परियों के साथ उड़ रहा।
बहती हवाई मुझे रोकना चाहे ,
पर जिद है आगे बढ़ने की ।
चील जैसा...
मैं शांत सा उड़नखटोला ,
हवाओं में बह रहा ।
हाथ मेरे पंख समान ,
मैं परियों के साथ उड़ रहा।
बहती हवाई मुझे रोकना चाहे ,
पर जिद है आगे बढ़ने की ।
चील जैसा...