...

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शिव-विवाह
पतित पावन प्रणय है, शिव-शक्ति के परिणेय का
प्रारम्भ नव यात्रा का ये, परिणाम हिय के नेह का

ऐश्वर्य, वैभव, संपदा तज, बाला हुई इक बावरी
वैरागी की बनने प्रिया, नृपसुता बनी वैरागिनी
हर्षित है अम्बर धरा मंगल गान चहुँ दिश हो रहे
है इष्ट की मंगल घड़ी, जयघोष गुंजित...