...

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मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं

जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
देख कर मुझे यूं नजरें चुराना
अंदाज ये तुम्हारे पुराने पुराने हैं।

जब से तूने मिरा दिल तोड़ है
बस शराब से ही नाता जोड़ा है।

मयखाने में सब गम भूल जाता हूं
जब शराब को होठों से लगाता हूं |


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