यूं इश्क़ निभाती है 💗
मेरी सनम यूं
इश्क़ निभाती है
मुझे अपना और
खुद को मेरा बताती है
मैं उसका पहला इश्क़ नहीं
पर पहले से भी खास मुझे
जताती है
मेरी गलती पर रूठती है
समझाती भी है
गुस्सा कम होने पर
खुद से मनाती भी है
मजाक में जाने की बात कहूं
तो रोने लगती है
कहती है चुप रहो मर जाऊंगी
मेरी सांसे कम
होने लगती है
कहती है जान हो तुम
तुम्हारे बिना रह नहीं सकती
ख़्वाबों में भी दूर...
इश्क़ निभाती है
मुझे अपना और
खुद को मेरा बताती है
मैं उसका पहला इश्क़ नहीं
पर पहले से भी खास मुझे
जताती है
मेरी गलती पर रूठती है
समझाती भी है
गुस्सा कम होने पर
खुद से मनाती भी है
मजाक में जाने की बात कहूं
तो रोने लगती है
कहती है चुप रहो मर जाऊंगी
मेरी सांसे कम
होने लगती है
कहती है जान हो तुम
तुम्हारे बिना रह नहीं सकती
ख़्वाबों में भी दूर...