...

3 views

कोई तो हो

यूं ही गुज़र रही है ज़िंदगी
कोई तो हो खयाल ए मोहब्बत।

बिना शर्तों के जिए जा रहे
कोई तो हो रस्म ए उल्फत।

आवारा लगने लगे हैं खुद को
कुछ तो हो उस में नज़ाकत।

जो चाहा वो मिल भी गया
कोई तो हो ऐसा फुरकत।

कोई तो हो ऐसा दिल नशी
जिस में हो जैसे कयामत।


© Roshan ara