सिखा हैं।
कितनी बार ही मैंने देखा हैं
खुद को बदलते हुए, हालातों से लड़ते हुए।
कभी रो कर, कभी मुस्कुरा कर,
मगर चलती ही रही हूं मैं, रुकी नहीं।
कभी...
खुद को बदलते हुए, हालातों से लड़ते हुए।
कभी रो कर, कभी मुस्कुरा कर,
मगर चलती ही रही हूं मैं, रुकी नहीं।
कभी...