...

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गुलाब खिलने दो
हसीन तेरा चमन है गुलाब खिलने दो
लगी है चुप सी यहाँ पे सितार बजने दो

न बांटना कभी इंसान को इंसानों से 
दिलों में रंज बहुत है दिलों को मिलने दो

कटेगा कैसे सफऱ रास्ता अँधेरा है
चराग़ दिल में मोहब्बत का अपने जलने दो 

झरोखा खोल रखो खोल के रखो ये दिल 
हवाएं आ रही हर ओर से है बहने दो

यहाँ पे बच के चलो है बुरी नज़र वाले 
उठाना मत कभी रुख़ से नक़ाब रहने दो

बनाना मत कभी सूरत हसीं ये रोनी सी
ठहाका ज़ोर से मारो सभी को हँसने दो 
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