तुम
प्रेम के भाषा से
सावले सलोने से
अधर्म को न सहते तुम ।।
भगवा के रंगों में
एकतान के गानों में
मिल जाए वो कान्हा तुम ।।
मुरली के साँसों से
राधा के प्राणों से
सीता के स्वामी तुम।।
अंधेर गलियों के ...
सावले सलोने से
अधर्म को न सहते तुम ।।
भगवा के रंगों में
एकतान के गानों में
मिल जाए वो कान्हा तुम ।।
मुरली के साँसों से
राधा के प्राणों से
सीता के स्वामी तुम।।
अंधेर गलियों के ...