दरमियाँ.....
ना जाने क्या है हम दोनों के दरमियाँ
क्यों मेरा दिल इतना भरोसा करता है..
पता नहीं क्या है किस्मत में लिखा,
थाम कर साथ कलम का आज ...
मैंने एक हमदम ,एक हमनवा ख़ास पाया है...!
ना जाने क्या है हम दोनों के दरमियाँ
क्यों ये रिश्ता इतना अपना सा लगता है.. ...
क्यों मेरा दिल इतना भरोसा करता है..
पता नहीं क्या है किस्मत में लिखा,
थाम कर साथ कलम का आज ...
मैंने एक हमदम ,एक हमनवा ख़ास पाया है...!
ना जाने क्या है हम दोनों के दरमियाँ
क्यों ये रिश्ता इतना अपना सा लगता है.. ...