...

12 views

रखने लगा हूं,,,,
और मतलब ही से मतलब मैं भी अब रखने लगा हूं,
मतलब की हाजिर जवाबी रकीबों से रखने लगा हूं,

कदम दर कदम हर दफा क़ौल-ओ-क़सम खाए कौन,
लाज़िम सबब है मैं मतलब अय्यारों से रखने लगा हूं,

कुछ बिगड़ जाती है तबियत दुश्मनों की इसलिए भी,
की बेबाक मैं दुरुस्त अपनी कैफियत को रखने लगा हूं,

अब मतलबी लोग मतलबी तुम मतलबी सब ज़माने में,
बेअदब क़ुव्वत-ए-ज़ाइक़ा अय्यारों का चखने लगा हूं,

मैं संग-दिल हूं, गर ये लगता है तुम्हें तो अ रकीब,
हरगिज मैं संग दिल हूं, पत्थर दिलों में रखने लगा हूं,

और सब दौगले किरदार हैं मतलब ही के सब यार हैं,
तो यार दिल-आज़ारी मैं बस, खुदी से रखने लगा हूं,


© #mr_unique😔😔😔👎