यह हवा बदहवास है क्यों इतनी
फ़िज़ा उदास-उदास है क्यों इतनी
तन्हाई पास-पास है क्यों इतनी
दिल धड़कता है जरा सी आहट पर
ये मुलाकात खास है क्यों इतनी
पीकर भी प्यासा रह जाता हूँ मैं
इस पैकर में प्यास है क्यों इतनी
जेरे-बहस है कि इन अंधेरों को
अब उजाले की आस है क्यों इतनी
इस शहर की सुनसान गलियों में
यह हवा बदहवास है क्यों इतनी
तन्हाई पास-पास है क्यों इतनी
दिल धड़कता है जरा सी आहट पर
ये मुलाकात खास है क्यों इतनी
पीकर भी प्यासा रह जाता हूँ मैं
इस पैकर में प्यास है क्यों इतनी
जेरे-बहस है कि इन अंधेरों को
अब उजाले की आस है क्यों इतनी
इस शहर की सुनसान गलियों में
यह हवा बदहवास है क्यों इतनी
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