कोई तो है, जो जल रहा है....
हाँ, दिए तो बेशक जलाए मैंने दिवाली पर...
मग़र कोई तो है, जो जल रहा मेरे इस दिल के अन्दर अरसों से
हाँ कोई तो है जो जल रहा है, दिल के
किसी उस कोने वाले कमरे में जहां सिर्फ अँधियारा ही अँधियारा है
हाँ कोई तो है जो जल रहा है, जिसका दिया जल रहा है
वो दिया जिसकी लौ कभी बुझ ही नहीं सकती, मग़र
फिर भी वो लौ मेरे इस दिल के अंधेरे को कभी मिटा ही ना सकी
हाँ कोई तो है, जो जल रहा है
हाँ कोई तो है, जिसके नाम का दिया जल रहा है मेरे इस दिल के अन्दर अरसों से
हाँ कोई तो है, जो जल रहा है
हाँ, रंगोलियां हर साल की तरह इस बार भी ज़रूर बनाई है मैंने
रंगोलियां, और उसमें भरे वो रंग जो अगले दो दिनों में मिट जाने हैं
मग़र कोई तो है,...
मग़र कोई तो है, जो जल रहा मेरे इस दिल के अन्दर अरसों से
हाँ कोई तो है जो जल रहा है, दिल के
किसी उस कोने वाले कमरे में जहां सिर्फ अँधियारा ही अँधियारा है
हाँ कोई तो है जो जल रहा है, जिसका दिया जल रहा है
वो दिया जिसकी लौ कभी बुझ ही नहीं सकती, मग़र
फिर भी वो लौ मेरे इस दिल के अंधेरे को कभी मिटा ही ना सकी
हाँ कोई तो है, जो जल रहा है
हाँ कोई तो है, जिसके नाम का दिया जल रहा है मेरे इस दिल के अन्दर अरसों से
हाँ कोई तो है, जो जल रहा है
हाँ, रंगोलियां हर साल की तरह इस बार भी ज़रूर बनाई है मैंने
रंगोलियां, और उसमें भरे वो रंग जो अगले दो दिनों में मिट जाने हैं
मग़र कोई तो है,...