...

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अलविदा
दर्द का इक फ़साना सुना दूं
फिर तेरी बज़्म से मैं चलूंगा
आंख से चार क़तरे बहा दूं
फिर कभी ना तेरा नाम लूंगा

ज़ख़्म ऐसे मिले हैं यहां पर
जिनका मरहम कहीं ना मिलेगा
दिलजला अब ये नाकामियों की
आग में...