प्रदूषण
यत्र प्रदूषण तत्र प्रदूषण,
सर्वत्र प्रदूषण फैला है।
हो रहा है भूमि का क्षरण,
सकल धरातल मैला है।
सूख रहे तरिणी, तड़ाग सब,
जल निकाय हुआ विषैला है।
कहीं पे कूड़ा, कहीं गंदगी,
कहीं प्लास्टिक थैला है।
भांति भांति के चलते वाहन,
भांति भांति के नव- संसाधन,
हुआ जलवायु में...
सर्वत्र प्रदूषण फैला है।
हो रहा है भूमि का क्षरण,
सकल धरातल मैला है।
सूख रहे तरिणी, तड़ाग सब,
जल निकाय हुआ विषैला है।
कहीं पे कूड़ा, कहीं गंदगी,
कहीं प्लास्टिक थैला है।
भांति भांति के चलते वाहन,
भांति भांति के नव- संसाधन,
हुआ जलवायु में...